Amritpal Singh: आखिर कैसे फरार हुआ खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह
जालंधर पुलिस के डीआईजी स्वपन शर्मा ने बताया कि अमृतपाल सिंह कैसे पुलिस की आंखों के सामने से फरार हो गया। शनिवार सुबह करीब 11.30 बजे जालंधर-मोगा रोड पर एक पुलिस नाके पर
उसके काफिले को रोक लिया गया। अमृतपाल के साथ हथियार लेकर चल रहे लोगों को गिरफ्तार किया तो वह अपनी गाड़ी से वहां से भाग निकला।
अजनाला थाने पर हमले के आरोपी एवं खालिस्तान समर्थक अमृतपाल पर रविवार को तीन और एफआईआर दर्ज कर दी गई हैं। जालंधर के सलेमा गांव में मिली उसकी काले रंग की ईसुजू गाड़ी में अवैध
हथियार मिले हैं।
रविवार को उसके 34 और साथी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। अब तक उसके 112 समर्थक दबोचे जा चुके हैं। कई नजरबंद कर दिए गए हैं। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पूरे पंजाब में सुरक्षाबल फ्लैग मार्च
कर रहे हैं। इसी बीच, सूबे में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और 24 घंटे के लिए स्थगित कर दी गई हैं। कई जिलों में धारा 144 लागू है।
अमृतपाल के खिलाफ रविवार पहला मामला उसकी गाड़ी से मिले अवैध हथियारों के संबंध में दर्ज किया गया है। दूसरा मामला जालंधर में बैरिकेड्स तोड़ने और तीसरा केस अमृतसर में दर्ज हुआ है। उसके
सात सहयोगियों को आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है। उसकी ईसुजू गाड़ी से एक वॉकी टॉकी, तलवार, .315 बोर की राइफल व 57 कारतूस मिले हैं।
पुलिस ने अमृतपाल के पैतृक गांव स्थित घर की भी तलाशी ली। अमृतसर से गिरफ्तार अमृतपाल के सहयोगियों से 12 बोर की छह अवैध राइफल, .315 बोर की एक लाइसेंसी पिस्तौल, .32 बोर की एक
रिवाल्वर और 322 कारतूस बरामद किए गए हैं। एसएसपी सतिंदर सिंह ने बताया कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल और उसके साथी गुरभेज सिंह ने पकड़े गए आरोपियों को हथियार और कारतूस दिए थे।
आरोपियों की पहचान हरमिंदर सिंह, गुरवीर सिंह, अजयपाल सिंह, बलजिंदर सिंह, अमनदीप सिंह, सवरीत सिंह और गुरलाल सिंह के रूप में हुई है।
ये सभी अमृतपाल सिंह के डेरे पर रहते थे।