China: चीन को उसी की भाषा में जवाब देने की तैयारी, जानिए क्यों अहम है पीएम मोदी का आगामी विदेश दौरा
भारत ने भी चीन को उसी की भाषा में जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल भारत प्रशांत महासागर के 14 देशों के साथ सहयोग बढ़ा रहा है। प्रशांत महासागर चीन को घेरने में बेहद अहम है।
चीन की बढ़ती चुनौती को देखते हुए भारत सरकार ने भी अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसी रणनीति के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी दौरे की बहुत अहमियत है। बता दें कि पीएम मोदी आगामी 22 मई को हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र के देश पापुआ न्यू गिनी का दौरा करेंगे। पीएम मोदी पापुआ न्यू गिनी में इंडिया पैसेफिक आइलैंड कॉपरेशन समिट में शिरकत करेंगे। दरअसल भारत प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है।
चीन को उसी भाषा में जवाब देने की तैयारी
बता दें कि हिंद महासागर क्षेत्र में हमेशा से भारत का प्रभाव रहा है लेकिन बीते कुछ सालों से चीन इस क्षेत्र में भारत के दबदबे को चुनौती दे रहा है। इसके लिए चीन पाकिस्तान की नौसेना को मजबूत कर रहा है। साथ ही कई अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाकर वहां अपनी नौसेना की गतिविधियां बढ़ा रहा है। अब भारत ने भी चीन को उसी की भाषा में जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है।
दरअसल भारत प्रशांत महासागर के 14 देशों के साथ सहयोग बढ़ा रहा है। प्रशांत महासागर चीन को घेरने में बेहद अहम है। पापुआ न्यू गिनी में होने वाले समिट में प्रशांत महासागर के सभी 14 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस बैठक के दौरान भारत निर्माण और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में हासिल की अपनी क्षमताओं को इन देशों के साथ साझा करेगा। इसके अलावा भारत इन देशों के साथ आर्थिक, सांस्कृतिक सहयोग को भी बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है। इन देशों के नागरिकों को भारत आने पर वीजा नियमों में कई छूट देने की योजना है ताकि लोगों के लोगों से सहयोग को मजबूत किया जा सके।