आखिर क्या है ये H3N2 वायरस
कोरोना के मामलों में अचानक वृद्धि के साथ-साथ H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के मामले भी बढ़े हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को देश के बड़े हॉस्पिटल के टॉप हेल्थ एक्सपर्ट्स के साथ H3N2 इन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामलों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की। इसमें इन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामलों पर चर्चा की गई।
दिल्ली के राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ अजय शुक्ला ने बताया कि सभी वायरल बुखारों में लगभग समान लक्षण होते हैं। आपकी नाक बह सकती है, आपको हल्की खांसी हो सकती है, आपको बुखार हो सकता है, शरीर में और सिर दर्द हो सकता है।
शुरुआत में यह अंतर करना बहुत मुश्किल है कि आपको कौन सा वायरल इंफेक्शन है। ICMR ने हाल में अपनी स्टडी में पाया कि वर्तमान में लोगों में इंफेक्शन हो रहा है वो बड़े पैमाने पर H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस का है, कोरोना का नहीं है। उन्होंने बताया कि H3N2 वायरस अभी हवा में मौजूद है, लेकिन ये कोरोना वैरिएंट नहीं है।
डॉक्टरों का कहना है कि भारत में इन्फ्लूएंजा के मामले जिस तेजी से बढ़े हैं उससे लगता है कि यह दौर लंबे समय तक चलेगा। इसके लक्षण जैसे खांसी और खराश तीन हफ्ते तक रह सकते हैं। वहीं आमतौर पर मौसमी बुखार और खांसी करीब पांच से सात दिन तक रहता है।
डॉक्टर चंद्रकांत लहारिया कहते हैं कि पिछले दो साल से लोग घरों से बाहर नहीं निकले हैं। ऐसे में एक्स्पोजर नहीं हुआ है। अब लोग बाहर आ जा रहे हैं इसलिए इन्फ्लूएंजा के मामले बढ़ रहे हैं। फ्लू वायरस चेंज होता रहता है। इस सीजन में फ्लू होना सामान्य है।
कोरोना वायरस भी अभी तक कहीं गया नहीं है। बस कोरोना संक्रमण अब गंभीर नहीं हो रहा है। कोरोना के बढ़े हुए मामले इसलिए दिख रहे हैं कि क्योंकि बेस लाइन बहुत कम है। दूसरा यह कि फ्लू वायरस बढ़ने से टेस्टिंग बढ़ी है।
कोरोना होना अभी खतरनाक नहीं है, लेकिन बीमारी की गंभीरता में बदलाव होता है तब यह खतरनाक होगा। वहीं इन्फ्लूएंजा के मामले में बीमारी की गंभीरता में बदलाव हो रहा है इसलिए यह खतरनाक है। कोरोना और इन्फ्लूएंजा के लक्षण मिलते-जुलते हैं। हालांकि, केस बढ़ने का एक दूसरे से संबंध नहीं है।
एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि यह इन्फ्लूएंजा वायरस ड्रॉपलेट्स के जरिए कोविड की तरह ही फैलता है। केवल उन लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, जिन्हें पहले से ये बीमारी है।